शादी के बाद खर्चा कौन देगा? Maintenance vs. Alimony का पूरा सच!

Maintenance and Alimony
Maintenance and Alimony

Maintenance और Alimony: शादी के बाद का लीगल साइड

शादी के बाद अगर पति-पत्नी के बीच अनबन हो जाती है और वे अलग होने का फैसला लेते हैं, तो सबसे बड़ा सवाल Maintenance (भरण-पोषण) और Alimony (गुजारा भत्ता) का आता है। भारत में पति या पत्नी, तलाक के बाद या तलाक की प्रक्रिया के दौरान, वित्तीय सहायता (Financial Support) मांग सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि Maintenance और Alimony में क्या अंतर है? कौन, कब और कैसे यह दावा कर सकता है? इस लेख में हम Maintenance और Alimony से जुड़े कानूनी अधिकार, धाराएं और प्रक्रिया को विस्तार से समझेंगे।

1. Maintenance और Alimony में क्या अंतर है?

👉 Maintenance (भरण-पोषण):
✔ यह तलाक से पहले या तलाक के बाद पति या पत्नी को आर्थिक सहायता देने के लिए होता है।
✔ यह मासिक (Monthly) रूप में दिया जाता है
✔ यह तब तक जारी रहता है जब तक कि प्राप्तकर्ता की आर्थिक स्थिति सुधर न जाए।

👉 Alimony (गुजारा भत्ता):
✔ यह तलाक के बाद एकमुश्त (One-Time Lump Sum) राशि के रूप में दिया जाता है
✔ यह पति या पत्नी की आर्थिक निर्भरता के आधार पर तय किया जाता है।
✔ यह आमतौर पर अधिक लंबे समय के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।

2. Maintenance और Alimony के लिए कौन आवेदन कर सकता है?

पत्नी (Wife) – ज्यादातर मामलों में पत्नी Maintenance या Alimony का दावा कर सकती है, खासकर अगर वह आर्थिक रूप से निर्भर हो।
पति (Husband) – अगर पत्नी आर्थिक रूप से सक्षम है और पति कमजोर है (जैसे कि नौकरी न हो या विकलांगता हो), तो पति भी Maintenance मांग सकता है।
बच्चे (Children) – अगर तलाक के बाद बच्चों की कस्टडी पत्नी को मिलती है, तो वह बच्चों के भरण-पोषण के लिए भी Maintenance मांग सकती है।

3. Maintenance और Alimony किस कानून के तहत आते हैं?

कानून किस पर लागू होता है? धारा (Section)
Hindu Marriage Act, 1955 हिंदू जोड़ों पर लागू धारा 24 और 25
Criminal Procedure Code, 1973 (CrPC) सभी धर्मों पर लागू धारा 125
Muslim Women (Protection of Rights on Divorce) Act, 1986 मुस्लिम महिलाओं के लिए तलाकशुदा महिलाओं को वित्तीय सहायता
Special Marriage Act, 1954 अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह के लिए धारा 36 और 37

4. Maintenance और Alimony कितनी मिल सकती है?

Maintenance और Alimony की राशि कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है:

पति-पत्नी की आमदनी (Income of both spouses)
शादी की अवधि (Duration of Marriage) – लंबी शादी में ज्यादा Alimony मिल सकती है।
बच्चों की जिम्मेदारी (Child Custody & Expenses) – बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी Maintenance की राशि बढ़ा सकती है।
पति की संपत्ति (Husband’s Assets & Liabilities)

सामान्य रूप से Maintenance का Calculation:

  • पत्नी को पति की मासिक आय का 20-40% तक Maintenance मिल सकता है
  • Alimony एकमुश्त होती है और पति की कुल संपत्ति का 25-50% हो सकती है

5. Maintenance और Alimony के लिए आवेदन कैसे करें?

Step 1: Family Court में याचिका दायर करें

  • Maintenance के लिए परिवार न्यायालय (Family Court) में आवेदन करें।
  • वकील की मदद से आय और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जमा करें।

Step 2: अदालत में सुनवाई (Court Hearing)

  • दोनों पक्षों को अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा।
  • कोर्ट दोनों की आर्थिक स्थिति, जिम्मेदारियां और जरूरतों का आकलन करेगा।

Step 3: फैसला (Final Judgment)

  • अगर Maintenance या Alimony मंजूर हो जाती है, तो अदालत तय करेगी कि राशि एकमुश्त दी जाएगी या मासिक दी जाएगी

6. Alimony और Maintenance कब नहीं मिलेगा?

अगर पत्नी की दोबारा शादी हो गई हो।
अगर पत्नी के पास खुद की अच्छी आय हो।
अगर पत्नी को साबित हो जाता है कि वह पति के साथ क्रूरता (Cruelty) कर रही थी।
अगर पत्नी खुद अपने पति को छोड़कर चली गई और उसका कोई ठोस कारण नहीं है।

7. क्या Maintenance को रोका या घटाया जा सकता है?

हाँ, अगर पति यह साबित कर देता है कि:
✔ पत्नी की नौकरी लग गई है और उसकी अच्छी आमदनी है।
✔ पत्नी किसी और के साथ रिलेशनशिप में है
✔ पति की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है (जैसे नौकरी छूट गई हो)।

8. Maintenance और Alimony से जुड़े महत्वपूर्ण कोर्ट केस

📌 Kusum Sharma vs. Mahinder Kumar Sharma (2020) – इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने Maintenance का Calculation करने के लिए गाइडलाइंस जारी कीं।

📌 Danial Latifi vs. Union of India (2001) – मुस्लिम महिलाओं के Maintenance से जुड़े अधिकारों को मजबूत किया गया।

📌 Rajnesh vs. Neha (2020) – कोर्ट ने आदेश दिया कि दोनों पक्षों को आय से जुड़े डॉक्यूमेंट्स प्रस्तुत करने होंगे, ताकि सही Maintenance तय किया जा सके।

निष्कर्ष

अगर शादी के बाद वित्तीय समस्याएं आती हैं, तो Maintenance और Alimony एक कानूनी सहारा हो सकता है। अगर आपको लगता है कि आप या कोई करीबी इस अधिकार का लाभ उठा सकता है, तो किसी अनुभवी वकील से सलाह लें

 

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