राम जेठमलानी भारत के सबसे प्रसिद्ध और महंगे वकीलों में से एक थे। उन्होंने अपनी कानूनी योग्यता और साहस से कई मुश्किल मुकदमों को सफलतापूर्वक लड़ा। उनका जन्म 1923 में सिंध (जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था, और बाद में वे भारतीय कानून जगत की सबसे सम्मानित हस्तियों में गिने जाने लगे।
उनका वकालत का करियर 70 से ज्यादा सालों तक चला, जिसमें उन्होंने भारत के कई हाई-प्रोफाइल केस लड़े। Lawyer Ram Jethmalani ने न केवल कानूनी क्षेत्र में बल्कि राजनीति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत के कानून मंत्री (Minister of Law) के रूप में भी कार्य किया।
2019 में 95 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। इस लेख में हम उनकी शिक्षा, प्रसिद्ध केस, कानूनी करियर, प्रति केस फीस (Fees Per Case) और भारतीय कानून एवं राजनीति में उनके योगदान के बारे में विस्तार से जानेंगे।
Contents
- 1 राम जेठमलानी की जीवनी और इतिहास
- 2 राम जेठमलानी की शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
- 3 राम जेठमलानी की शिक्षा और वकालत की शुरुआत
- 4 परिवार की इच्छा और कानून की ओर झुकाव
- 5 17 साल की उम्र में बार काउंसिल लाइसेंस प्राप्त करना
- 6 मुख्य न्यायाधीश को दिए गए तर्क
- 7 सबसे कम उम्र में वकील बनने वाले पहले और अंतिम व्यक्ति
- 8 राष्ट्रवादी सोच और प्रेरणा
- 9 राम जेठमलानी का कानूनी करियर
- 10 राम जेठमलानी: कानूनी जगत में बुलंदी की ओर
- 11 राम जेठमलानी: जिनके पास जजों से भी ज्यादा अनुभव था
- 12 कानूनी शिक्षा और सुधार में योगदान
- 13 राम जेठमलानी के प्रसिद्ध मुकदमे
- 14 1. के.एम. नानावटी बनाम महाराष्ट्र राज्य (K.M. Nanavati vs. State of Maharashtra)
- 15 2. हर्षद मेहता और केतन पारेख की रक्षा (Defense of Harshad Mehta and Ketan Parekh)
- 16 3. इंदिरा गांधी के हत्यारों की रक्षा (Defense of Indira Gandhi’s Assassins)
- 17 4. जेसिका लाल हत्या मामला (Jessica Lal Murder Case)
- 18 5. हवाला घोटाले में लालकृष्ण आडवाणी की रक्षा (Defense of L.K. Advani in the Hawala Scandal)
- 19 6. आसाराम बापू का बचाव (Defense of Asaram Bapu)
- 20 7. राजीव गांधी हत्याकांड मामला (Rajiv Gandhi Assassination Case)
- 21 8. अमित शाह की रक्षा (Defense of Amit Shah in Sohrabuddin Encounter Case)
- 22 9. 2G स्पेक्ट्रम घोटाले में बचाव (Defense in the 2G Spectrum Case)
- 23 10. जयललिता के भ्रष्टाचार मामले में रक्षा (Defense of Jayalalithaa in Disproportionate Assets Case)
- 24 राम जेठमलानी की फीस और आय
- 25 राम जेठमलानी की टॉप केसों में फीस (Fees in Top Cases)
- 26 राम जेठमलानी की अन्य आय के स्रोत (Other Income Sources)
- 27 राम जेठमलानी की कुल संपत्ति (Net Worth)
- 28 राम जेठमलानी की संपत्ति का विवरण (Property Details)
- 29 राम जेठमलानी के विचार: फीस और कानूनी सेवा शुल्क
- 30 गरीबों के लिए मुफ्त कानूनी सहायता (Advocacy for Free Legal Aid)
- 31 न्याय तक पहुँच की समस्या और कानूनी सुधार (Criticism of Legal System’s Access to Justice)
- 32 शिक्षा और किफायती कानूनी सेवाएँ (Educational Efforts and Subsidized Legal Services)
- 33 राम जेठमलानी: विवाद और आलोचनाएँ
- 34 1. विवादास्पद ग्राहकों का बचाव (Defending Controversial Clients)
- 35 2. न्यायपालिका और जजों पर टिप्पणी (Comments on Judges and the Judiciary)
- 36 3. अरविंद केजरीवाल बनाम अरुण जेटली विवाद (Arvind Kejriwal vs. Arun Jaitley Controversy)
- 37 4. राजनीतिक हस्तियों से टकराव (Public Spats with Political Figures)
- 38 5. सार्वजनिक मुद्दों पर विवादास्पद टिप्पणियाँ (Remarks on Public Issues)
- 39 6. नैतिकता पर सवाल (Ethical Questions Over Legal Defenses)
- 40 7. राजनीतिक विवाद (Political Controversies)
- 41 राम जेठमलानी का राजनीतिक करियर
- 42 राजनीति में प्रवेश (Entry into Politics)
- 43 संसदीय करियर (Parliamentary Career)
- 44 भारत के कानून मंत्री के रूप में कार्यकाल (Union Law Minister)
- 45 राम जेठमलानी का व्यक्तिगत जीवन और परिवार
- 46 शादी और बच्चे (Marriage and Children)
- 47 बच्चों पर प्रभाव (Influence on Children)
- 48 राम जेठमलानी की रुचियाँ (Personal Interests)
- 49 राम जेठमलानी द्वारा लिखित पुस्तकें (Books by Ram Jethmalani)
- 50 राम जेठमलानी के विचार और दर्शन (Philosophy and Beliefs)
- 51 FAQs: राम जेठमलानी से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
- 51.1 1. राम जेठमलानी कौन थे?
- 51.2 2. राम जेठमलानी के सबसे चर्चित केस कौन से थे?
- 51.3 3. क्या राम जेठमलानी ने कोई राजनीतिक पद संभाला था?
- 51.4 4. राम जेठमलानी की भारतीय न्याय प्रणाली पर क्या राय थी?
- 51.5 5. राम जेठमलानी का निधन कब हुआ?
- 51.6 6. राम जेठमलानी की पत्नी कौन थीं?
- 51.7 7. राम जेठमलानी की फीस कितनी थी?
- 51.8 8. राम जेठमलानी का जन्म कब हुआ था?
- 51.9 9. हर्षद मेहता केस में राम जेठमलानी की फीस कितनी थी?
- 51.10 10. राम जेठमलानी की कोई लॉ फर्म थी?
- 51.11 11. राम जेठमलानी किस राजनीतिक दल से जुड़े थे?
- 51.12 12. राम जेठमलानी की शिक्षा क्या थी?
- 51.13 13. राम जेठमलानी की मृत्यु का कारण क्या था?
- 51.14 14. राम जेठमलानी ने दाऊद इब्राहिम के बारे में क्या कहा था?
- 51.15 15. राम जेठमलानी प्रसिद्ध क्यों थे?
- 51.16 16. राम जेठमलानी की बेटी कौन है और वे क्या करती हैं?
- 51.17 17. राम जेठमलानी के बेटे कौन हैं और वे क्या करते हैं?
- 51.18 18. राम जेठमलानी नरेंद्र मोदी के बारे में क्या सोचते थे?
- 52 निष्कर्ष:
राम जेठमलानी की जीवनी और इतिहास

गुण (Attribute) | विवरण (Details) |
---|---|
पूरा नाम | राम बूलचंद जेठमलानी |
जन्म | 14 सितंबर 1923, शिकरपुर, सिंध, ब्रिटिश इंडिया (अब पाकिस्तान) |
मृत्यु | 8 सितंबर 2019, नई दिल्ली, भारत |
पेशा | वकील, राजनीतिज्ञ |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | 17 साल की उम्र में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से LL.B पूरी की |
प्रसिद्ध मुकदमे (Notable Cases) | – Jessica Lal Murder Case (जेसिका लाल हत्याकांड) – Harshad Mehta Stock Market Scam (हर्षद मेहता शेयर बाजार घोटाला) – Indira Gandhi Assassins Defense (इंदिरा गांधी के हत्यारों की पैरवी) |
राजनीतिक संबद्धता | Bharatiya Janata Party (BJP) से जुड़े रहे और स्वतंत्र रूप से भी राजनीति की |
पद (Offices Held) | – भारत के कानून मंत्री (Union Minister of Law, Justice, and Company Affairs) – 1996, 1999-2000 – संसद सदस्य (Member of Parliament) |
प्रकाशन (Books by Ram Jethmalani) | – Big Egos, Small Men – Conscience of a Maverick – Maverick: Unchanged, Unrepentant |
पति/पत्नी (Spouse(s)) | दुर्गा जेठमलानी (स्वर्गीय), रत्ना शहानी (दूसरी पत्नी) |
बच्चे (Children) | रानी जेठमलानी, शोभा जेठमलानी, महेश जेठमलानी, जनक जेठमलानी |
विशेष बातें (Notable Remarks) | अपनी बेबाकी और विवादित केसों में साहसिक पैरवी के लिए प्रसिद्ध थे। Lawyer Ram Jethmalani भारतीय कानून और राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ गए। |
राम जेठमलानी की शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
Ram Jethmalani का जन्म 14 सितंबर 1923 को शिकारपुर, सिंध (जो उस समय ब्रिटिश इंडिया का हिस्सा था, अब पाकिस्तान में है) में हुआ था। उनका बचपन एक ऐसे दौर में बीता जब भारत में राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल चल रही थी, जिसने उनके विचारों और भविष्य की आकांक्षाओं को गहराई से प्रभावित किया।
उनके परिवार को शिक्षा और सामाजिक कर्तव्यों का बहुत महत्व था। इसी पारिवारिक वातावरण ने उनके शुरुआती जीवन को आकार दिया और उन्हें आगे चलकर कानून के क्षेत्र में बड़ा नाम बनाने के लिए प्रेरित किया।

राम जेठमलानी की शिक्षा और वकालत की शुरुआत
Ram Jethmalani एक असाधारण छात्र थे, जिनमें बचपन से ही अद्भुत शैक्षणिक क्षमता थी। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गृहनगर शिकारपुर, सिंध में पूरी की और फिर उच्च शिक्षा के लिए मुंबई चले गए।
उनकी वकालत की यात्रा की शुरुआत भी उतनी ही दिलचस्प है। एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने स्कूल के दिनों का एक किस्सा साझा किया:
“जब मैं तीसरी कक्षा में था, तब स्कूल में एक कार्यक्रम हुआ। इसमें सिंध के कई स्कूलों के शिक्षक और छात्र आए थे। मेरे अध्यापकों ने मुझे मंच पर बुलाया और अन्य शिक्षकों को चुनौती दी कि वे मुझसे मुगल इतिहास से संबंधित कोई भी सवाल पूछें। मेरी प्रस्तुति इतनी प्रभावशाली थी कि लोगों ने मंच पर नोटों और सोने के सिक्कों की बारिश कर दी।”
हालांकि, सोने की बारिश वाली बात शायद अतिशयोक्ति हो सकती है, लेकिन यह स्पष्ट है कि Ram Jethmalani बचपन से ही असाधारण प्रतिभा के धनी थे। उनकी इस अद्वितीयता के कारण उन्हें दो बार अगली कक्षा में पदोन्नति दी गई, जिससे उन्होंने सिर्फ 13 साल की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली।
परिवार की इच्छा और कानून की ओर झुकाव
राम जेठमलानी के पिता और दादा दोनों ही वकील थे, लेकिन वे नहीं चाहते थे कि राम भी इसी पेशे में जाएं।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा:
“मेरे पिता चाहते थे कि मैं इंजीनियर बनूं। उन्होंने मुझे विज्ञान (Science) की पढ़ाई के लिए दाखिला भी दिला दिया था। लेकिन वकालत मेरे खून में थी। मैं भाग्यशाली था कि सरकार ने उस समय एक नया नियम बनाया था, जिसके तहत कोई भी छात्र एक परीक्षा पास कर वकालत में दाखिला ले सकता था। मैंने वह परीक्षा दी, टॉप किया और वकालत की पढ़ाई में दाखिला ले लिया।”
इस तरह, Ram Jethmalani ने अपनी बुद्धिमत्ता और कानून के प्रति जुनून के बल पर बहुत कम उम्र में वकालत की दुनिया में कदम रख दिया।
17 साल की उम्र में बार काउंसिल लाइसेंस प्राप्त करना
अपने पिता की इच्छा के खिलाफ जाकर Ram Jethmalani ने वकालत की पढ़ाई तो कर ली, लेकिन उनके सामने एक और बड़ी चुनौती खड़ी हो गई। Bar Council के नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति 21 साल की उम्र से पहले वकालत का लाइसेंस नहीं प्राप्त कर सकता था।
इस स्थिति में, राम जेठमलानी को भले ही परीक्षा पास करने के बाद भी चार साल इंतजार करना पड़ता। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कराची हाईकोर्ट (Karachi High Court) के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) को एक आवेदन लिखा।
उन्होंने अपने पत्र में अनुरोध किया कि उन्हें अपनी बात रखने का अवसर दिया जाए। मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें सुनवाई का मौका दिया।
मुख्य न्यायाधीश को दिए गए तर्क
एक टीवी इंटरव्यू में Ram Jethmalani ने बताया:
“मैंने मुख्य न्यायाधीश से कहा कि जब मैंने वकालत में दाखिला लिया था, तब ऐसा कोई नियम नहीं था कि 21 साल से पहले लाइसेंस नहीं मिलेगा। इसलिए, यह नियम मुझ पर लागू नहीं होना चाहिए।”
मुख्य न्यायाधीश 17 साल के इस युवा के आत्मविश्वास और तर्कों से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने Bar Council को पत्र लिखकर राम जेठमलानी के लाइसेंस पर विचार करने के लिए कहा। इसके बाद नियमों में बदलाव किया गया और विशेष छूट देकर 18 साल की उम्र में उन्हें वकालत का लाइसेंस दे दिया गया।
सबसे कम उम्र में वकील बनने वाले पहले और अंतिम व्यक्ति
इस निर्णय के साथ, राम जेठमलानी भारत के पहले और अंतिम व्यक्ति बने, जिन्हें इतनी कम उम्र में वकालत करने की अनुमति मिली।
राष्ट्रवादी सोच और प्रेरणा
Ram Jethmalani पर भारत के स्वतंत्रता संग्राम का गहरा प्रभाव था। विशेष रूप से Mahatma Gandhi और Muhammad Ali Jinnah जैसे नेता, जो न केवल राजनीति में बल्कि वकालत में भी माहिर थे, उनके लिए प्रेरणा बने।
इन नेताओं ने कानूनी प्रक्रिया का उपयोग न्याय और सामाजिक सुधार के लिए किया, जिससे राम जेठमलानी को कानून की शक्ति का महत्व समझ आया। इन्हीं आदर्शों से प्रेरित होकर और परिवार के समर्थन से, उन्होंने वकालत को अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया।
राम जेठमलानी का कानूनी करियर
Ram Jethmalani ने 18 साल की उम्र में बार काउंसिल का लाइसेंस मिलने के बाद कराची, सिंध में अपनी वकालत शुरू की। उनकी प्रारंभिक कानूनी यात्रा में उनकी तेज बुद्धि और जटिल मामलों को संभालने की क्षमता ने उन्हें एक होनहार युवा वकील के रूप में प्रसिद्धि दिलाई।
हालांकि, 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन (Partition of India) के कारण उन्हें बंबई (अब मुंबई) जाना पड़ा। वहाँ आकर उन्हें अपना कानूनी करियर फिर से शून्य से शुरू करना पड़ा। लेकिन अपनी मेहनत और प्रतिभा से उन्होंने जल्द ही भारत के सबसे प्रभावशाली वकीलों में अपनी जगह बना ली।

राम जेठमलानी: कानूनी जगत में बुलंदी की ओर
मुंबई में आने के बाद Ram Jethmalani का कानूनी करियर तेजी से आगे बढ़ा। उन्होंने आपराधिक रक्षा (Criminal Defense) से लेकर नागरिक अधिकारों (Civil Rights Issues) तक कई महत्वपूर्ण केस लड़े। उनकी निर्भीक रणनीति और विवादास्पद मामलों को हाथ में लेने की हिम्मत ने उन्हें कानूनी जगत में अलग पहचान दिलाई।
Ram Jethmalani की तेज-तर्रार और प्रभावशाली वकालत शैली अक्सर न्यायाधीशों और जूरी को प्रभावित कर देती थी। उनकी वकालत से हर कानून के छात्र और वकील को सीखने योग्य कई बातें मिलती हैं।
राम जेठमलानी: जिनके पास जजों से भी ज्यादा अनुभव था
Ram Jethmalani भारतीय इतिहास के सबसे लंबे समय तक वकालत करने वाले वकील थे।
एक सुप्रीम कोर्ट के वकील ने एक बार कहा:
“जेठमलानी साहब कई बार जजों से कहते थे कि मेरी वकालत का अनुभव आपकी उम्र से ज्यादा है। लेकिन किसी ने इसे बुरा नहीं माना, क्योंकि यह सच था। सुप्रीम कोर्ट के जज की अधिकतम उम्र 65 साल होती है, जबकि राम जेठमलानी का वकालत का अनुभव लगभग आठ दशकों का था।”
उनका अनुभव और ज्ञान भारतीय न्यायपालिका में एक अनमोल धरोहर की तरह रहा।
कानूनी शिक्षा और सुधार में योगदान
Ram Jethmalani सिर्फ एक वकील ही नहीं, बल्कि कानूनी शिक्षा और न्यायिक सुधार (Legal Education & Reform) के प्रति भी समर्पित थे। उन्होंने कई लॉ कॉलेजों में व्याख्यान (Lectures) दिए और भारतीय न्याय प्रणाली (Indian Legal System) को अधिक प्रभावी और सुगम बनाने के लिए कई पहल कीं।
उन्होंने हमेशा न्यायिक जवाबदेही (Judicial Accountability) और कानूनी शिक्षा सुधार (Legal Education Reform) पर जोर दिया, जिससे भारत के कानूनी क्षेत्र पर लंबे समय तक असर पड़ा।
राम जेठमलानी के प्रसिद्ध मुकदमे
Ram Jethmalani ने अपने लंबे कानूनी करियर में कई हाई-प्रोफाइल और विवादास्पद केस लड़े। यहाँ उनके सबसे चर्चित मामलों की जानकारी दी गई है:
मामला:
यह केस भारतीय नौसेना अधिकारी कावस मानेकशॉ नानावटी (Kawas Manekshaw Nanavati) से जुड़ा था, जिन पर प्रेम आहूजा (Prem Ahuja) नामक व्यक्ति की हत्या का आरोप था। प्रेम आहूजा, नानावटी की पत्नी के साथ प्रेम संबंध में था। यह मामला भारत के आखिरी जूरी ट्रायल (Jury Trial) में से एक था और इसे लेकर मीडिया में काफी चर्चाएं हुईं।
राम जेठमलानी Nanavati के डिफेंस टीम (Defense Team) का हिस्सा थे।
परिणाम:
- जूरी ने पहले नानावटी को निर्दोष करार दिया, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस फैसले को खारिज कर दिया और मामला बेंच ट्रायल (Bench Trial) के रूप में दोबारा चला।
- बाद में नानावटी दोषी करार दिए गए, लेकिन जनता के भारी समर्थन और राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण उन्हें माफ कर दिया गया।
- इस केस ने भारतीय न्याय प्रणाली और जूरी ट्रायल सिस्टम को बदलने में अहम भूमिका निभाई।
2. हर्षद मेहता और केतन पारेख की रक्षा (Defense of Harshad Mehta and Ketan Parekh)
मामला:
Harshad Mehta और Ketan Parekh, दोनों ही भारतीय स्टॉक मार्केट घोटालों में शामिल थे। इन मामलों में जटिल वित्तीय लेन-देन और स्टॉक की कीमतों में हेरफेर (Stock Price Manipulation) के आरोप लगे थे।
राम जेठमलानी ने Harshad Mehta और Ketan Parekh का बचाव किया और न्यायिक प्रक्रिया में मौजूद खामियों को चुनौती दी।
परिणाम:
- इन मामलों ने भारतीय प्रतिभूति कानून (Securities Laws) और वित्तीय नियमन (Financial Regulations) में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया।
- जेठमलानी की बहस ने स्टॉक मार्केट मामलों में न्यायिक जांच को और पारदर्शी बनाने में मदद की।

Ram Jethmalani के ये केस उनकी कानूनी समझ, बहस की क्षमता और न्यायिक प्रक्रिया को चुनौती देने के साहस को दर्शाते हैं। उन्होंने हमेशा विवादित मामलों को हाथ में लेने से परहेज नहीं किया और कानून में सुधार लाने के लिए अपनी भूमिका निभाई।
3. इंदिरा गांधी के हत्यारों की रक्षा (Defense of Indira Gandhi’s Assassins)
मामला:
भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा की गई थी। इस मामले ने पूरे देश में राजनीतिक तनाव और गुस्से का माहौल बना दिया था।
राम जेठमलानी ने हत्यारों का बचाव करने का फैसला किया, जो बेहद अलोकप्रिय और जोखिम भरा कदम था।
परिणाम:
- आरोपियों को दोषी ठहराया गया और फांसी की सजा सुनाई गई।
- हालांकि, जेठमलानी का यह साहसिक कदम उनकी कानूनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जहां उन्होंने यह सिद्धांत अपनाया कि हर आरोपी को न्याय पाने का अधिकार है।
4. जेसिका लाल हत्या मामला (Jessica Lal Murder Case)
मामला:
1999 में दिल्ली की मॉडल जेसिका लाल की हत्या एक पार्टी में सिर्फ इसलिए कर दी गई, क्योंकि उसने शराब परोसने से इनकार कर दिया था। आरोपी मनु शर्मा, एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से था।
राम जेठमलानी ने मनु शर्मा की ओर से केस लड़ा, जिससे जनता में काफी नाराजगी फैली।
परिणाम:
- पहले मनु शर्मा को बरी कर दिया गया, जिससे जनता और मीडिया में भारी आक्रोश हुआ।
- बाद में फिर से सुनवाई हुई और मनु शर्मा को दोषी ठहराकर उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
5. हवाला घोटाले में लालकृष्ण आडवाणी की रक्षा (Defense of L.K. Advani in the Hawala Scandal)
मामला:
यह बड़ा राजनीतिक घोटाला था, जिसमें राजनीतिज्ञों पर हवाला दलालों के जरिए रिश्वत लेने का आरोप था।
राम जेठमलानी ने लालकृष्ण आडवाणी का बचाव किया और उन पर लगे आरोपों को चुनौती दी।
परिणाम:
- आडवाणी को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया।
- इस केस में जेठमलानी की कानूनी रणनीति बेहद महत्वपूर्ण रही।
6. आसाराम बापू का बचाव (Defense of Asaram Bapu)
मामला:
2013 में आसाराम बापू पर नाबालिग लड़की के यौन शोषण का आरोप लगा। यह मामला मीडिया और जनता में काफी चर्चित रहा।
राम जेठमलानी ने उनकी रक्षा की कोशिश की, लेकिन मामला बेहद संवेदनशील और विवादित था।
परिणाम:
- 2018 में आसाराम बापू दोषी पाए गए और उन्हें उम्रकैद की सजा हुई।
- यह मामला धार्मिक नेताओं द्वारा सत्ता और प्रभाव के दुरुपयोग का प्रतीक बन गया।
7. राजीव गांधी हत्याकांड मामला (Rajiv Gandhi Assassination Case)
मामला:
1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या LTTE (Liberation Tigers of Tamil Eelam) द्वारा की गई थी।
राम जेठमलानी ने इस केस में कुछ आरोपियों का बचाव किया, क्योंकि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ था।
परिणाम:
- कुछ अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया और सजा सुनाई गई।
- इस केस ने न्याय प्रक्रिया की निष्पक्षता पर राष्ट्रीय बहस छेड़ दी।
8. अमित शाह की रक्षा (Defense of Amit Shah in Sohrabuddin Encounter Case)
मामला:
गुजरात के अपराधी सोहराबुद्दीन शेख के एनकाउंटर (Encounter Killing) में अमित शाह पर हत्या और साजिश का आरोप लगा था।
राम जेठमलानी ने अमित शाह की कानूनी लड़ाई लड़ी और उनके पक्ष में कई मजबूत तर्क पेश किए।
परिणाम:
- अदालत ने अमित शाह को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया।
- यह मामला राजनीति और न्यायपालिका के जटिल संबंधों का प्रतीक बन गया।
9. 2G स्पेक्ट्रम घोटाले में बचाव (Defense in the 2G Spectrum Case)
मामला:
2G स्पेक्ट्रम आवंटन में घोटाले का आरोप लगा, जिससे भारत सरकार को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ।
राम जेठमलानी ने कुछ आरोपियों का बचाव किया।
परिणाम:
- कई अभियुक्त बरी हो गए।
- यह मामला भ्रष्टाचार और सुशासन पर राष्ट्रीय बहस का कारण बना।
10. जयललिता के भ्रष्टाचार मामले में रक्षा (Defense of Jayalalithaa in Disproportionate Assets Case)
मामला:
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप था।
राम जेठमलानी ने उनका कानूनी बचाव किया।
परिणाम:
- पहले जयललिता को दोषी ठहराया गया।
- बाद में उन्हें बरी कर दिया गया।
- यह मामला राजनीति और कानून के टकराव का बड़ा उदाहरण बना।
Ram Jethmalani ने अपने करियर में कई बड़े, विवादित और ऐतिहासिक मुकदमे लड़े। उनके निर्भीक रवैये और कानूनी ज्ञान ने उन्हें भारत के सबसे प्रसिद्ध और चर्चित वकीलों में शामिल कर दिया। चाहे मामला राजनीति से जुड़ा हो, आपराधिक हो या भ्रष्टाचार का हो, राम जेठमलानी ने हमेशा अपने मुवक्किल का साहसपूर्वक बचाव किया और भारतीय कानून प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
राम जेठमलानी की फीस और आय
Ram Jethmalani न केवल भारत के सबसे प्रसिद्ध वकीलों में से एक थे, बल्कि सबसे महंगे वकीलों में भी गिने जाते थे। उनकी प्रति सुनवाई फीस (Fees Per Hearing) ₹25 लाख या उससे अधिक होती थी।
हाई-प्रोफाइल केसों में उन्होंने ₹1 करोड़ या उससे अधिक भी चार्ज किया। हालांकि, यह उनकी सामान्य फीस नहीं थी, क्योंकि वह केस और क्लाइंट के आधार पर अपनी फीस को घटा भी देते थे।
उनकी महंगी फीस उनके कानूनी ज्ञान, अनुभव और जटिल मामलों को हल करने की क्षमता को दर्शाती थी।
राम जेठमलानी की टॉप केसों में फीस (Fees in Top Cases)
केस | फीस (अनुमानित) | महत्व |
---|---|---|
जेसिका लाल मर्डर केस (Jessica Lal Murder Case) | ₹1 करोड़ | मनु शर्मा के बचाव में, यह केस भारी मीडिया अटेंशन में था। |
हवाला घोटाले में लालकृष्ण आडवाणी की रक्षा (Defense of L.K. Advani in the Hawala Scandal) | ₹1 करोड़+ | राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामला, फीस सार्वजनिक रूप से उजागर नहीं की गई। |
के.एम. नानावटी केस (K.M. Nanavati Case) | अज्ञात, लेकिन उच्च | ऐतिहासिक और कानूनी रूप से महत्वपूर्ण मामला। |
राम जेठमलानी की अन्य आय के स्रोत (Other Income Sources)
1. कानूनी परामर्श (Legal Consultation):
- बड़े बिजनेसमैन, राजनेताओं और कॉरपोरेट कंपनियों को कानूनी सलाह देकर भी अच्छी कमाई करते थे।
2. सार्वजनिक व्याख्यान और सेमिनार (Public Speaking & Legal Education Seminars):
- विभिन्न लॉ कॉलेजों और कानूनी मंचों पर व्याख्यान देते थे, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय मिलती थी।
3. कानूनी सुधार (Legal Reforms & Policy Advisory):
- भारतीय न्याय प्रणाली में सुधार को लेकर उनकी भागीदारी भी उनकी आय का एक हिस्सा रही।
Ram Jethmalani सिर्फ एक वकील ही नहीं, बल्कि एक बुद्धिजीवी और कानूनी विशेषज्ञ भी थे। उनकी फीस उनकी प्रतिष्ठा और उनकी बेहतर केस लड़ने की क्षमता को दर्शाती थी, जिससे वे भारत के सबसे अधिक कमाने वाले वकीलों में गिने जाते थे।
राम जेठमलानी की कुल संपत्ति (Net Worth)
Ram Jethmalani की संपत्ति 2014 में चुनाव आयोग (Election Commission) को दिए गए दस्तावेजों के अनुसार बेहद प्रभावशाली और मजबूत थी। उनकी संपत्ति कई तरह के वित्तीय स्रोतों में विभाजित थी।
राम जेठमलानी की संपत्ति का विवरण (Property Details)
संपत्ति का प्रकार | मूल्य (अनुमानित) | मुख्य विशेषताएँ |
---|---|---|
चल संपत्ति (Liquid Assets) | ₹59.6 करोड़ | इसमें ₹10 लाख नकद और ₹2 करोड़ से अधिक बैंक बैलेंस शामिल था। |
निवेश (Investments) | ₹21 करोड़ | शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर निवेश किया था। |
वाहन (Vehicles) | ₹26 लाख | Mercedes और Honda City जैसी गाड़ियाँ शामिल थीं। |
आभूषण (Jewelry) | ₹5 लाख | उन्हें सोने और गहनों का ज्यादा शौक नहीं था। |
आवासीय संपत्ति (Real Estate Properties) | – गुरुग्राम (Gurugram) में 1 करोड़ का घर – मुंबई (Mumbai) में 4 करोड़ की बिल्डिंग | उनकी संपत्ति में प्रमुख अचल संपत्तियाँ शामिल थीं। |
कर्जमुक्त स्थिति (Debt-Free Status) | कोई ऋण नहीं | उन्होंने कोई लोन या LIC पॉलिसी नहीं ली थी। |
Ram Jethmalani ने अपनी कानूनी प्रैक्टिस और बुद्धिमान वित्तीय प्रबंधन के जरिए बेहद प्रभावशाली संपत्ति अर्जित की।
- वे शेयर बाजार में निवेश करने में भी माहिर थे।
- वित्तीय रूप से स्वतंत्र और कर्जमुक्त होने के कारण उन्होंने अपनी संपत्ति को अच्छी तरह से प्रबंधित किया।
- रियल एस्टेट में भी उनका मजबूत पोर्टफोलियो था।
उनकी संपत्ति और वित्तीय अनुशासन, उनकी सफल कानूनी प्रैक्टिस और सूझबूझ भरे निवेश निर्णयों का प्रमाण हैं।
राम जेठमलानी के विचार: फीस और कानूनी सेवा शुल्क
Ram Jethmalani को अक्सर उनकी उच्च फीस के लिए जाना जाता था, लेकिन उन्होंने इसे हमेशा सही ठहराया। उनका मानना था कि जटिल और बड़े मुकदमों के लिए विशेषज्ञता, मेहनत और समय की जरूरत होती है, इसलिए भारी शुल्क वाजिब है।
वे कहते थे कि उनकी फीस, मुवक्किल को दी गई कानूनी सेवाओं के मूल्य को दर्शाती है, खासकर जब मामला व्यक्तिगत या व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण हो।
गरीबों के लिए मुफ्त कानूनी सहायता (Advocacy for Free Legal Aid)
राम जेठमलानी ने जहाँ उच्च-प्रोफ़ाइल मामलों में बड़ी फीस ली, वहीं उन्होंने जरूरतमंद लोगों के लिए कई केस फ्री (Pro Bono) या कम फीस में भी लड़े।
- वे सामाजिक और नैतिक रूप से महत्वपूर्ण मामलों में मुफ्त कानूनी सहायता देने में विश्वास रखते थे।
- उन्होंने कई वंचित वर्ग के लोगों के केस बिना किसी आर्थिक लाभ के लड़े।
- न्यायिक सुधार और कानूनी सहायता के पक्षधर थे।
न्याय तक पहुँच की समस्या और कानूनी सुधार (Criticism of Legal System’s Access to Justice)
राम जेठमलानी का मानना था कि महंगी कानूनी फीस आम जनता को न्याय से दूर करती है।
- उन्होंने कानूनी प्रणाली में सुधार की वकालत की ताकि हर वर्ग को उचित कानूनी प्रतिनिधित्व मिल सके।
- वे चाहते थे कि मुफ्त कानूनी सहायता सेवाओं (Free Legal Aid Services) को मजबूत किया जाए।
- उनका विचार था कि न्याय प्रक्रिया को सरल और कम खर्चीला बनाया जाना चाहिए।
शिक्षा और किफायती कानूनी सेवाएँ (Educational Efforts and Subsidized Legal Services)
- राम जेठमलानी का मानना था कि बेहतर कानूनी शिक्षा से अधिक प्रतिस्पर्धा आएगी, जिससे कानूनी सेवाएँ सस्ती होंगी।
- वे युवा वकीलों को प्रशिक्षित करने के लिए कई शैक्षिक पहलों (Educational Initiatives) में शामिल रहे।
- उन्होंने हमेशा कानूनी प्रणाली को अधिक कुशल और सुलभ बनाने की वकालत की।
राम जेठमलानी: विवाद और आलोचनाएँ
Ram Jethmalani का करियर जितना सफल रहा, उतना ही विवादों से भी घिरा रहा। उनकी निर्भीक कानूनी रणनीतियाँ और बेबाक व्यक्तित्व अक्सर उन्हें आलोचनाओं के केंद्र में रखता था।
1. विवादास्पद ग्राहकों का बचाव (Defending Controversial Clients)
राम जेठमलानी को कई बार ऐसे मुवक्किलों का बचाव करने के लिए आलोचना झेलनी पड़ी, जिन्हें आम जनता अपराधी या भ्रष्ट मानती थी।
- Harshad Mehta और Ketan Parekh जैसे वित्तीय घोटालेबाज
- मनु शर्मा (Jessica Lal Murder Case) का बचाव
- इंदिरा गांधी और राजीव गांधी हत्याकांड के अभियुक्तों की पैरवी
इन मामलों में उनका पक्ष लेना जनता की नाराजगी और नैतिक सवालों को जन्म देता था।
2. न्यायपालिका और जजों पर टिप्पणी (Comments on Judges and the Judiciary)
राम जेठमलानी अपने तेज और बेबाक बयानों के लिए मशहूर थे। वे जजों और न्यायपालिका की खुलकर आलोचना करने से नहीं झिझकते थे।
- कई बार कोर्ट की कार्यवाही पर सवाल उठाने के कारण उन पर अवमानना (Contempt of Court) के आरोप लगे।
- उनके तीखे शब्दों को कुछ लोग न्याय प्रणाली को चुनौती देने वाला मानते थे, तो कुछ इसे साहसिक कदम समझते थे।
3. अरविंद केजरीवाल बनाम अरुण जेटली विवाद (Arvind Kejriwal vs. Arun Jaitley Controversy)
मामला:
- अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली (तत्कालीन वित्त मंत्री) पर DDCA घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया।
- जेटली ने केजरीवाल पर मानहानि (Defamation) का केस कर दिया।
- केजरीवाल ने अपनी रक्षा के लिए राम जेठमलानी को वकील नियुक्त किया।
विवाद:
- सुनवाई के दौरान राम जेठमलानी ने जेटली को ‘crook’ (बेईमान) कहा, जिससे मामला और बिगड़ गया।
- बाद में केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने जेठमलानी को ऐसा कहने को नहीं कहा था।
- विवाद तब और बढ़ा जब जेठमलानी ने ₹3.42 करोड़ की फीस मांगी, जिसे दिल्ली सरकार ने जनता के पैसे से चुकाने की कोशिश की।
- जनता में भारी विरोध हुआ कि सरकार जनता के पैसे को निजी मुकदमे में क्यों खर्च कर रही है।
4. राजनीतिक हस्तियों से टकराव (Public Spats with Political Figures)
राम जेठमलानी केवल कोर्ट में ही नहीं, बल्कि राजनीति में भी बेबाक टिप्पणियों के लिए जाने जाते थे।
- अटल बिहारी वाजपेयी से उनका विवाद बहुत सार्वजनिक और कड़वा था।
- वे भाजपा (BJP) से भी कई बार असहमत रहे और खुलकर अपने विचार व्यक्त किए।
5. सार्वजनिक मुद्दों पर विवादास्पद टिप्पणियाँ (Remarks on Public Issues)
राम जेठमलानी कई बार धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर टिप्पणियाँ कर विवादों में आ गए।
- उन्होंने रामायण को काल्पनिक कथा बताया, जिससे हिंदू संगठनों में भारी आक्रोश फैला।
- उनके बयान अक्सर लोकप्रिय धारणाओं को चुनौती देने वाले होते थे, जिससे उनकी छवि एक निडर लेकिन विवादास्पद व्यक्ति की बनी।
6. नैतिकता पर सवाल (Ethical Questions Over Legal Defenses)
राम जेठमलानी ने कई गंभीर अपराधों के आरोपियों का बचाव किया, जिससे उनकी नैतिकता पर सवाल उठाए गए।
- आलोचकों का मानना था कि वे अपराधियों को बचाने के लिए कानूनी कमियों का फायदा उठाते थे।
- लेकिन उनका तर्क था:
“हर व्यक्ति को निष्पक्ष सुनवाई (Fair Trial) का अधिकार है, और वकील का काम न्याय दिलाने में मदद करना है, न कि आरोपी को दोषी मान लेना।”
7. राजनीतिक विवाद (Political Controversies)
राम जेठमलानी कानून मंत्री (Law Minister) और सांसद (MP) भी रहे। लेकिन उनकी राजनीतिक शैली हमेशा विवादित रही।
- कानूनी सुधारों (Law Reforms) को लेकर उनकी नीतियों की आलोचना हुई।
- वे कई संवेदनशील राजनीतिक मुद्दों पर सरकारों से टकराते रहे।
राम जेठमलानी का राजनीतिक करियर
Ram Jethmalani का करियर कानूनी क्षेत्र के साथ-साथ राजनीति में भी उतना ही प्रभावशाली और विवादास्पद रहा। वे न्यायिक सुधारों और सशक्त शासन व्यवस्था में योगदान देने की इच्छा से राजनीति में आए।
राजनीति में प्रवेश (Entry into Politics)
1970 के दशक में, राम जेठमलानी ने राजनीति में कदम रखा।
- उनका उद्देश्य कानूनी सुधारों (Legal Reforms) को आगे बढ़ाना था।
- उनकी बेबाक और टकराव वाली शैली ने उन्हें राजनीति में भी चर्चित बना दिया।

संसदीय करियर (Parliamentary Career)
पद | कार्यकाल और योगदान |
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राज्यसभा सदस्य (Rajya Sabha Membership) | कई बार राज्यसभा (Upper House of Parliament) के सदस्य चुने गए। उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व किया और समय-समय पर अलग-अलग विचारधाराओं से जुड़े। |
लोकसभा सदस्य (Lok Sabha Election) | मुंबई से लोकसभा चुनाव जीता और निचले सदन (Lower House of Parliament) में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। |
भारत के कानून मंत्री के रूप में कार्यकाल (Union Law Minister)
कार्यकाल | मुख्य विशेषताएँ |
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पहला कार्यकाल (1996-1998) | राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के दौरान कानून, न्याय और कंपनी मामलों के केंद्रीय मंत्री बने। इस दौरान उन्होंने कानूनी सुधारों पर जोर दिया। |
दूसरा कार्यकाल (1999) | फिर से कानून मंत्री बने, लेकिन अन्य नेताओं और न्यायिक नियुक्तियों पर उनकी कड़ी आलोचना के कारण उन्हें जल्द ही पद से हटा दिया गया। |
राम जेठमलानी का व्यक्तिगत जीवन और परिवार
Ram Jethmalani का व्यक्तिगत जीवन भी उनकी कानूनी और राजनीतिक यात्रा की तरह ही दिलचस्प और प्रेरणादायक रहा। उनके जीवन में परिवार, शिक्षा, लेखन और न्यायिक सिद्धांतों का विशेष स्थान था।
शादी और बच्चे (Marriage and Children)
- पहली शादी: दुर्गा जेठमलानी से हुई, जिनसे उनके चार बच्चे हुए –
- रानी जेठमलानी
- शोभा जेठमलानी
- महेश जेठमलानी (प्रसिद्ध वकील)
- जनक जेठमलानी
- दूसरी शादी: बाद में उन्होंने रत्ना शहानी से विवाह किया, जो खुद भी एक वकील थीं।
बच्चों पर प्रभाव (Influence on Children)
- उनके बेटे महेश जेठमलानी ने भी वकालत के क्षेत्र में नाम कमाया और भारत के प्रमुख वकीलों में गिने जाते हैं।
- उनके परिवार में कानूनी परंपरा को आगे बढ़ाने का योगदान स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
राम जेठमलानी की रुचियाँ (Personal Interests)
रुचि | विवरण |
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पढ़ना और लिखना (Reading & Writing) | उन्होंने कानून, राजनीति और समसामयिक मुद्दों पर कई लेख और पुस्तकें लिखीं। |
सामाजिक मेलजोल और भाषण (Public Speaking & Social Gatherings) | वे तेज-तर्रार और प्रभावशाली वक्ता थे, जो गंभीर और विवादास्पद मुद्दों पर खुलकर बोलते थे। |
शिक्षा के प्रति समर्पण (Education Advocate) | उन्होंने कानूनी शिक्षा और सुधारों पर जोर दिया और युवा वकीलों को प्रशिक्षित करने के लिए कई पहलों में भाग लिया। |
राम जेठमलानी द्वारा लिखित पुस्तकें (Books by Ram Jethmalani)
पुस्तक का नाम | विवरण |
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Big Egos, Small Men | भारतीय राजनीति में प्रमुख नेताओं के व्यक्तित्व और उनके फैसलों का विश्लेषण। |
Conscience of a Maverick | न्याय, कानून और समाज पर उनके लेखों और विचारों का संग्रह। |
Maverick: Unchanged, Unrepentant | उनकी आत्मकथा, जिसमें उनके कानूनी और राजनीतिक करियर की झलक मिलती है। |
राम जेठमलानी के विचार और दर्शन (Philosophy and Beliefs)
Ram Jethmalani केवल एक वकील या राजनेता ही नहीं, बल्कि एक सोचने-विचारने वाले व्यक्ति भी थे। वे न्याय, कानून और समाज में सुधार को लेकर प्रतिबद्ध थे।
विचार | मुख्य सिद्धांत |
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न्याय सर्वोपरि (Justice Above All) | कानून मात्र नियमों का समूह नहीं, बल्कि न्याय प्राप्त करने का माध्यम होना चाहिए। |
बचाव का अधिकार (Right to Defense) | हर व्यक्ति, चाहे वह कितना भी विवादित या अप्रिय हो, निष्पक्ष सुनवाई का हकदार है। |
न्यायिक दक्षता (Judicial Efficiency) | मामलों की देरी और लंबित केसों को कम करने के लिए न्यायिक सुधार आवश्यक हैं। |
कानूनी शिक्षा में सुधार (Legal Education Reform) | युवा वकीलों के लिए व्यावहारिक और आधुनिक कानूनी शिक्षा को बढ़ावा दिया। |
पारदर्शिता और जवाबदेही (Transparency & Accountability) | न्यायपालिका और सरकार में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई। |
न्यायिक निर्णयों की आलोचना (Critique of Judicial Decisions) | उन्होंने कई अत्यधिक प्रचारित फैसलों की कानूनी समीक्षा कर न्यायिक त्रुटियों को उजागर किया। |
FAQs: राम जेठमलानी से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
1. राम जेठमलानी कौन थे?
Ram Jethmalani भारत के प्रसिद्ध वकील और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल और विवादित केस लड़े और सांसद एवं केंद्रीय कानून मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
2. राम जेठमलानी के सबसे चर्चित केस कौन से थे?
- जेसिका लाल मर्डर केस (Jessica Lal Murder Case) – मनु शर्मा का बचाव किया।
- हर्षद मेहता और केतन पारेख स्टॉक घोटाला (Harshad Mehta & Ketan Parekh Scam) – आर्थिक मामलों की कानूनी लड़ाई लड़ी।
- इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के हत्यारों का बचाव (Defense of Indira & Rajiv Gandhi Assassins) – विवादित कानूनी फैसले।
3. क्या राम जेठमलानी ने कोई राजनीतिक पद संभाला था?
हाँ, वे सांसद (Member of Parliament) रहे और दो बार भारत के कानून मंत्री (Union Law Minister) बने।
4. राम जेठमलानी की भारतीय न्याय प्रणाली पर क्या राय थी?
उन्होंने न्यायिक देरी, भ्रष्टाचार और कानूनी सुधारों की जरूरत पर हमेशा जोर दिया। वे तेज सुनवाई और अधिक पारदर्शिता के पक्षधर थे।
5. राम जेठमलानी का निधन कब हुआ?
8 सितंबर 2019 को प्राकृतिक कारणों से उनका निधन हुआ।
6. राम जेठमलानी की पत्नी कौन थीं?
उनकी दो पत्नियाँ थीं:
- पहली पत्नी – दुर्गा जेठमलानी
- दूसरी पत्नी – रत्ना शहानी (वकील)
7. राम जेठमलानी की फीस कितनी थी?
- सामान्य मामलों में ₹25 लाख प्रति सुनवाई।
- हाई-प्रोफाइल केस में ₹1 करोड़ या उससे अधिक।
8. राम जेठमलानी का जन्म कब हुआ था?
14 सितंबर 1923 को।
9. हर्षद मेहता केस में राम जेठमलानी की फीस कितनी थी?
सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह काफी अधिक होने का अनुमान है।
10. राम जेठमलानी की कोई लॉ फर्म थी?
वे स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस करते थे और किसी लॉ फर्म से जुड़े नहीं थे।
11. राम जेठमलानी किस राजनीतिक दल से जुड़े थे?
वे BJP और RJD सहित कई दलों से जुड़े रहे।
12. राम जेठमलानी की शिक्षा क्या थी?
उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से 17 साल की उम्र में कानून की डिग्री (LL.B) पूरी की।
13. राम जेठमलानी की मृत्यु का कारण क्या था?
वे बुढ़ापे से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण निधन हो गए।
14. राम जेठमलानी ने दाऊद इब्राहिम के बारे में क्या कहा था?
उन्होंने दावा किया था कि दाऊद भारत लौटने के लिए तैयार था, लेकिन सरकार ने उसकी शर्तें नहीं मानी।
15. राम जेठमलानी प्रसिद्ध क्यों थे?
वे तेज-तर्रार वकील, बेबाक राजनेता और विवादास्पद मामलों के विशेषज्ञ थे।
16. राम जेठमलानी की बेटी कौन है और वे क्या करती हैं?
उनकी बेटी रानी जेठमलानी भी वकील थीं।
17. राम जेठमलानी के बेटे कौन हैं और वे क्या करते हैं?
- महेश जेठमलानी – एक प्रसिद्ध वकील और राजनीतिज्ञ।
- जनक जेठमलानी – उनके बारे में कम जानकारी उपलब्ध है।
18. राम जेठमलानी नरेंद्र मोदी के बारे में क्या सोचते थे?
- मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की सराहना की।
- लेकिन नीतियों से असहमति होने पर खुलकर आलोचना भी की।
निष्कर्ष:
राम जेठमलानी का जीवन न्याय, कानून और राजनीति से जुड़े कई ऐतिहासिक फैसलों और घटनाओं से भरा था। वे हमेशा अपने बेबाक विचारों और कानूनी ज्ञान के लिए याद किए जाएंगे।