
चेक भुगतान का एक सुरक्षित तरीका माना जाता है, लेकिन कई बार चेक बाउंस (Cheque Bounce) होने की समस्या सामने आती है। भारत में चेक बाउंस एक आपराधिक अपराध है और इसके लिए कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
अगर आपके साथ ऐसा हुआ है, तो यह जानना जरूरी है कि:
✔️ चेक बाउंस होने के कारण क्या हैं?
✔️ चेक बाउंस होने पर कानूनी प्रक्रिया क्या है?
✔️ कैसे कानूनी कार्रवाई करें और अपना पैसा वापस पाएं?
Contents
- 1 1. चेक बाउंस क्या होता है?
- 2 2. चेक बाउंस होने पर आपको क्या करना चाहिए?
- 3 3. अगर भुगतान न मिले तो कोर्ट में केस कैसे करें?
- 4 4. क्या चेक बाउंस पर FIR दर्ज कर सकते हैं?
- 5 5. चेक बाउंस से बचने के लिए क्या करें?
- 6 6. चेक बाउंस केस में कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी होते हैं?
- 7 7. झूठे चेक बाउंस केस से कैसे बचें?
- 8 निष्कर्ष (Conclusion)
1. चेक बाउंस क्या होता है?
जब कोई व्यक्ति बैंक में चेक जमा करता है, लेकिन भुगतान नहीं होता और चेक वापस (Dishonored) आ जाता है, तो इसे चेक बाउंस कहा जाता है।
🚨 मुख्य कारण:
❌ खाते में पर्याप्त बैलेंस न होना
❌ गलत हस्ताक्षर (Signature Mismatch)
❌ ओवरड्राफ्ट लिमिट पार हो जाना
❌ चेक पर तारीख गलत होना या पुराना चेक जमा करना
❌ चेक पर अंकित राशि और शब्दों में अंतर
🚨 महत्वपूर्ण:
👉 अगर चेक बाउंस होता है, तो बैंक एक ‘चेक रिटर्न मेमो’ (Cheque Return Memo) जारी करता है, जिसमें बाउंस होने का कारण लिखा होता है।
2. चेक बाउंस होने पर आपको क्या करना चाहिए?
A. चेक दोबारा जमा करें
✔️ अगर चेक किसी तकनीकी गलती (Signature Mismatch, Date Issue) के कारण बाउंस हुआ है, तो आप इसे सही कराकर दोबारा जमा कर सकते हैं।
✔️ चेक जमा करने से पहले खाताधारक से बैलेंस कन्फर्म करें।
B. भुगतान की मांग के लिए नोटिस भेजें (Legal Notice)
अगर चेक दोबारा जमा करने के बाद भी बाउंस हो जाता है, तो आपको कानूनी नोटिस (Legal Notice) भेजना चाहिए।
✅ कैसे भेजें?
✔️ चेक बाउंस होने के 30 दिनों के भीतर नोटिस भेजना जरूरी है।
✔️ यह नोटिस भारतीय अनुबंध अधिनियम (Negotiable Instruments Act, 1881) की धारा 138 के तहत भेजा जाता है।
✔️ नोटिस में स्पष्ट होना चाहिए कि चेक की राशि कब तक चुकानी होगी (आमतौर पर 15 दिन का समय दिया जाता है)।
🚨 महत्वपूर्ण:
👉 अगर सामने वाला व्यक्ति 15 दिनों के अंदर भुगतान नहीं करता, तो आप कोर्ट में केस दर्ज कर सकते हैं।
3. अगर भुगतान न मिले तो कोर्ट में केस कैसे करें?
✅ चेक बाउंस का केस फाइल करने की प्रक्रिया:
1️⃣ मजिस्ट्रेट कोर्ट (Metropolitan Magistrate) में शिकायत दर्ज करें।
2️⃣ कोर्ट केस स्वीकार करेगा और आरोपी को नोटिस भेजेगा।
3️⃣ अगर आरोपी दोषी पाया जाता है, तो उसे सजा और जुर्माना देना पड़ सकता है।
🚨 कानूनी प्रावधान (Section 138, Negotiable Instruments Act):
👉 दो साल तक की जेल या चेक राशि का दोगुना जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
👉 अगर आरोपी दोषी पाया जाता है, तो उसे चेक की पूरी राशि लौटानी होगी।
4. क्या चेक बाउंस पर FIR दर्ज कर सकते हैं?
✅ अगर चेक बाउंस धोखाधड़ी (Fraud) से किया गया है, तो IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत FIR दर्ज करवाई जा सकती है।
❌ लेकिन सिर्फ चेक बाउंस होना आपराधिक मामला नहीं है, जब तक यह धोखाधड़ी साबित न हो।
🚨 महत्वपूर्ण:
👉 अगर आप धोखाधड़ी का केस फाइल कर रहे हैं, तो आपको मजबूत सबूत देने होंगे।
5. चेक बाउंस से बचने के लिए क्या करें?
✅ अगर आप चेक जारी कर रहे हैं:
✔️ हमेशा खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें।
✔️ चेक पर सही तारीख और हस्ताक्षर करें।
✔️ ध्यान दें कि चेक में कोई कटिंग या गलती न हो।
✅ अगर आप चेक प्राप्त कर रहे हैं:
✔️ बड़ी राशि के लिए चेक लेने से पहले खाताधारक की वित्तीय स्थिति जांचें।
✔️ चेक रसीद और बैंक स्टेटमेंट रखें।
✔️ अगर चेक बाउंस हो, तो तुरंत नोटिस भेजें।
6. चेक बाउंस केस में कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी होते हैं?
✔️ बैंक से प्राप्त ‘चेक रिटर्न मेमो’
✔️ बाउंस हुआ चेक (Original Copy)
✔️ चेक देने और लेने वाले की जानकारी (Name, Address, Contact Details)
✔️ बैंक स्टेटमेंट जिसमें चेक जमा करने और बाउंस होने का रिकॉर्ड हो
✔️ लीगल नोटिस की कॉपी (अगर भेजी गई हो)
7. झूठे चेक बाउंस केस से कैसे बचें?
अगर आपके खिलाफ गलत तरीके से चेक बाउंस का केस दर्ज किया गया है, तो आप नीचे दिए गए कदम उठा सकते हैं:
✔️ सबूत इकट्ठा करें – अगर आपके पास बैंक स्टेटमेंट, भुगतान के दूसरे प्रमाण हैं, तो कोर्ट में पेश करें।
✔️ कोर्ट में केस की चुनौती दें – अगर केस झूठा है, तो अपने वकील से सलाह लेकर कोर्ट में उचित जवाब दाखिल करें।
✔️ समझौता (Settlement) करें – अगर केस लंबा चल सकता है, तो पार्टियों के बीच आपसी समझौते का विकल्प भी अपनाया जा सकता है।
🚨 महत्वपूर्ण:
👉 अगर कोई व्यक्ति झूठे केस दर्ज करवाता है, तो आप मानहानि (Defamation) का केस भी कर सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
चेक बाउंस होना एक गंभीर मुद्दा है और इसके लिए कानूनी कार्रवाई संभव है। अगर आपका चेक बाउंस हुआ है, तो आपको समय पर सही कदम उठाने होंगे ताकि आपको अपनी राशि वापस मिल सके।
✅ क्या करें?
✔️ चेक दोबारा जमा करने की कोशिश करें।
✔️ अगर दोबारा बाउंस हो जाए, तो तुरंत लीगल नोटिस भेजें।
✔️ अगर भुगतान न मिले, तो कोर्ट में केस दर्ज करें।
❌ क्या न करें?
❌ बिना सोचे-समझे FIR दर्ज करवाने की कोशिश न करें।
❌ गलत जानकारी के आधार पर केस फाइल न करें।
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